Historical past of Houthis Half 5 | हूती के हथियार बनेंगे मिडिल ईस्ट में यूएस और ईरान के भिड़ने की वजह? | Teh Tak

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Historical past of Houthis Half 5 | हूती के हथियार बनेंगे मिडिल ईस्ट में यूएस और ईरान के भिड़ने की वजह? | Teh Tak

हूती विद्रोहियों ने पिछले नवंबर में गाजा में इजरायली सैन्य हमले का विरोध करने के लिए वाणिज्यिक जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए। 19 नवंबर के बाद से लाल सागर में जहाजों पर कम से कम 30 हमले हुए हैं, जिनमें से 13 में सीधे ड्रोन या मिसाइल हमले हुए। 11 जनवरी से शुरू हुए हूती न्य ठिकानों पर अमेरिकी और ब्रिटिश हमलों ने हूतियों के शस्त्रागार को कमजोर कर दिया है, लेकिन उन्होंने अब तक समूह के हमलों को पूरी तरह से रोकने या धीमा करने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। हर किसी के मन में दो प्रमुख प्रश्न हैं। पहला यह कि हूती कितना नुकसान कर सकते हैं। दूसरा यह है कि वे इसे कितने समय तक बनाए रख सकते हैं। 

हूती के पास ईरान के हथियार 

एक नई ख़ुफ़िया रिपोर्ट कुछ प्रकाश डालती है। अमेरिकी रक्षा विभाग की खुफिया शाखा ने इस सप्ताह एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हूतियों के शस्त्रागार का विवरण दिया गया है। इसमें से अधिकांश तकनीकें ईरान से जुड़ी हैं। हूती के पास ईरान से मिला शाहेद 136 आत्मघाती ड्रोन है। इस ड्रोन की रेंज 2,200 किलोमीटर तक है। इसके अलावा ईरान और हिज्बुल्लाह फोर्सेज ने हूती को समद 3 आत्मघाती ड्रोन भी दिए हैं। जिनकी रेंज 1500 किलोमीटर तक है। कासिफ 2k ड्रोन भी हूती के पास बड़ी संख्या में हैं और इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक है। सरफेस टू सरफेस मार करने वाली मिसाइलों का बड़ा जखीरा हूती के पास है, इनकी रेंज 1500 किलोमीटर तक है। हूती को ईरान से क्रूज मिसाइलें भी मिली हैं, इनकी रेंज 2 हजार किलोमीटर से ज्यादा है। हूती के पास एडवांस स्टेज की बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं और ये 22 सौ किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती हैं। हूती संगठन में 1 लाख से ज्यादा प्रशिक्षित लड़ाके हैं जो किसी भी वक्त हमला करने को तैयार हैं। ये रिपोर्ट सेंटर फॉर टेररिज्म कंट्रोल की है जो 2021 में तैयार की गई थी, तबसे अबतक हूती की ताकत में बहुत इजाफा हुआ है। 

कैसे हमला करते हैं हूती 

मध्य पूर्व में अमेरिका के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की रिपोर्ट है कि ईरान के जहाज हूती की मदद के लिए तैनात है। ईरान हूती को लाल सागर से गुजरने वाले कार्गो शिप की लोकेशन दे रहा है। ईरानी नेवी का युद्धपोत कार्गो के सिग्नल रिसीव करने के बाद उसकी जानकारी यमन में हूती मिसाइल लॉन्च सेंटर को देता है। हूती दुश्मनों के जहाजों पर मिसाइल हमले कर देता है। दावा ये भी है कि आईआरजीसी के कामंडर भी यमन में तैनात हैं। ये कमांडर मैरीटाइम सिग्नल और एंटी शिप मिसाइल के एक्सपर्ट हैं। इन्ही की निगरानी में लाल सागर में हमले किए जा रहे हैं। 

ईरान ने आरोंपों को झूठलाया 

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी राजदूत अमीर सैयद इरावनी ने लिखा है कि आईआरजीसी पर अमेरिका के आरोप झूठे हैं। इराक, सीरिया में अमेरिका की स्ट्राइक की ईरान निंदा करता है। इन गैरकानूनी हमलों से इराक, सीरिया की संप्रुभता पर हमला किया गया है। गाजा युद्ध के बाद से ही ईरान ने हूती को लाल सागर के मोर्चे पर बारूद बरसाने का इशारा दे दिया था और अब ये हमले रोजाना तेज हो रहे हैं। सामरिक मामलों के जानकार मान रहे हैं कि अमेरिका और ईरान की जंग की आशंका बढ़ती जा रही है। 

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